Search
Close this search box.

भय के आगे जीत है…!

अभी तीन दिन पहले मैं जम्मू में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड विश्वविद्यालय में रोज़गार पर बोलने के लिए गया!
वहां हाल में 300 से अधिक लड़के-लड़कियाँ बड़े दतचित होकर सुन रहे थे!उनका उत्त्साह व विषय को समझने की उत्कण्ठा देख मैं भी जोश में आ गया!लगभग एक घंटा मैंने विषय रखा!
मैने कहा नौकर नहीं बनो, नौकरियां देने वाले बनो! ”Don’t be job seeker be job provider”को अपना ध्येय वाक्य मानो!मैने उनसे यह सब दोहरवाया भी!
उसके बाद प्रश्नोत्तर था! लगातार बच्चे प्रश्न पूछ रहे थे! उसमें से एक ने पूछा “सर!आप लगातार कह रहे हैं कि स्वरोजगार अपनाओ,एंटरप्रेन्योरशिप करो,उद्यमी बनो!
किन्तु उसमें रिस्क होता है!अगर हमने घर से या लोन लेकर 10-12लाख रूपये लगा कर कोई छोटा काम शुरू भी कर लिया तो भी कोई गारंटी नहीं कि सफलता मिलेगी!असफल होने का भय लगता है! क्या करें?”
मैंने उसको उत्तर दिया “यह तो ठीक है,कि कोई भी काम करोगे तो उसमें “सफलता और असफलता ये दोनों ही मिल सकती है !लेकिन कोई भी काम करोगे तो इस भय से तो पार पाना ही होगा! हम साधारण बस में भी जब जाते हैं तो भी किसी को भय लग सकता है कि कहीं रास्ते में ही एक्सीडेंट न हो जाए? किन्तु जो भय से बस में बैठे ही नहीं तो वह लक्ष्य तक कैसे पहुँचेगा?”
“फिर नौकरी में भी तो रोज का भय रहता है कि कहीं मालिक निकाल न दे!”
मैने कहना जारी रखा “कहते हैं,भय के आगे जीत है!” मैंने उन्हें कहा “तुम सिंहों की संतान हो! डरना क्या! आगे बढ़ो..उद्यम नहीं करेगा तो सिंह भी भूखा मर जाएगा! व्यक्ति वही सफल होता है जो उद्यम करता है,परिश्रम करता है,दिमाग़ लगाता है!”
तुम भारत की संतान हो! तुम्हारे DNA में उद्यम है!सफलता है!भय को दूर करो और देखो सुनहरा भविष्य तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है!”
मेरे ऐसा सब कहने पर लड़के लडकिया खूब उत्साह में आ गए! इतनी तालियां मैने शायद ही सुनीं हों! उनके साथ साथ अध्यापक और मैं स्वयं एक नये उत्साह से भर गए!वातावरण प्रेरणा व गरिमा से भर गया!
मैं मन में पुराना गीत गुनगुनाने लगा…
मनुष्य तू बडा महान है!
तू जो चाहे, पर्वत पहाडों को फोड दे
तू जो चाहे नदियों के मुख को भी मोड़ दे
तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे
भूल मत! मनुष्य तू बडा महान है
~सतीश कुमार—‘स्वदेशी-चिट्ठी’ 
श्राईन बोर्ड विश्वविद्यालय में उद्बोधन,उपस्थित छात्रों का एक हिस्सा व 4 व 5 अगस्त को हुईं,पंजाब व हरियाणा की स्वदेशी टोलियों की बैठक लेते कश्मीरीलाल जी !

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

YOU MIGHT ALSO ENJOY

FOLLOW US

Facebook
Twitter
LinkedIn
LinkedIn
WhatsApp
Telegram