अब हथियार निर्माण में स्वदेशी..

गत दिनों भारत के आयुध निर्माण संस्थान डीआरडीओ ने हैलीकॉप्टर से दागी जा सकने वाली एंटी टैंक मिसाइल HELLINA का सफल परीक्षण पोखरण में किया है।
गत 16 से 18 अगस्त के बीच में अभी तक की दुनिया की सबसे उत्तम स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन SAAW का न केवल इंडक्शन हुआ है बल्कि वह प्राइवेट कंपनियों को भी उत्पादन के लिए तकनीक सहित दी जा रही है।
हम सब लोगों को यह भी दर्द है हि कि दुनिया में हम सबसे अधिक मात्रा में अपनी सेना की आयुद्ध सामग्री का आयात करते हैं।
यानी हमारे यहां अभी तक बहुत कम आयुध सामग्री बनती है।दूसरी तरफ भारत ने बोफर तोप जैसी अपनी बड़ी तोप धनुष का ना केवल विकास कर लिया है बल्कि वह प्रोडक्शन होकर बाहर भी आ गई है।
अभी केवल 12 तोप सेना को दी जा रही है।लेकिन फुल 414 का ऑर्डर सेना ने डीआरडीओ को दिया है। इस एक तोप की कीमत ही 14.5 करोड़ रुपए है।
गणतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री जी ने यह तो घोषणा कर ही दी है कि 2022 से पूर्व हम ब्रह्मांड में अपना व्यक्ति भेजेंगे।
इस सारे से ना केवल हम रक्षा के मामलों में आत्मनिर्भर हो जाएंगे बल्कि हम अपना बड़ा धन भी विदेशी कंपनियों को जाने से भी रोक पाएंगे।
जय स्वदेशी जय जय स्वदेशी
~सतीश–‘स्वदेशी-चिट्ठी’
DRDO Smart Anti-Airfield Weapon v Hellina v धनुष तोप

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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