अयोध्या में रामलला से की एक ही प्रार्थना….

आज प्रातः काल संघ के सहसरकार्यवाह मा: मनमोहन वैद्य जी के साथ अयोध्या में रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
जब सवेरे उठे, तब से ही मेरे मन में विचार था कि इस पवित्र स्थल पर आकर रामलला से क्या मांगू? तो सहज रूप से जब वहां पहुंच कर आरती की तो स्वाभाविक रूप से मैंने मांगा “हे प्रभु! इस देश का सबसे बड़ा कष्ट हरो! शीघ्र अति शीघ्र देश को पूर्ण रोजगार युक्त बनाओ।”
गत लगभग 2 वर्षों से स्वावलंबी भारत अभियान में हजारों कार्यकर्ता दिन रात एक करके जुटे हैं।लगभग 35 संगठनों के कार्यकर्ता इसमें लगे हैं।इस समय अर्थ संचय अभियान भी पूरे जोरों से चल रहा है।इस अभियान को सफल करना ही होगा।
वास्तव में इस समय की राम भक्ति, देशभक्ति एक ही है स्वावलंबी भारत अभियान का सफल होना।आओ जुटें, सब जुटें।
क्योंकि स्वयं राम को भी सीता माता को लंका से वापस लाने के लिए कठिन परिश्रम व युद्ध करना पड़ा था।तो हमें भी आगामी दो-तीन वर्षों में उसी प्रकार अथाह परिश्रम व साहस पूर्वक रोजगार सृजन की संघर्ष यात्रा को पूर्ण करना है।
बाद में हमने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण स्थल पर जाकर गर्भग्रह में पूजा अर्चना भी की। आगामी मकर संक्रांति पर इस भव्य राम मंदिर के उद्घाटन होने की संभावना है।
स्वदेशी चिट्ठी के पाठकों के लिए आज वहां के चित्र भेजने का लोभ संवरण नहीं कर पाया~ सतीश
श्री मनमोहन वैद्य जी, क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल शर्मा जी, प्रचारक गोपाल जी व अन्य के साथ

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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