अभी मैं मेट्रो से उतर कर फरीदाबाद कार्यालय पर जा रहा था। फोन पर फेसबुक खोलते ही संयोग से फरीदाबाद के पुराने कार्यकर्ता दिगंबर जी और उनकी पत्नी की पोस्ट दिखाई दी। उन्हीं का नीचे फोटो है।
“आप अनुमान लगा सकते हैं, कि इनकी आयु क्या है?”
नहीं! मैं बताता हूँ।…64 वर्ष दिगंबर जी की आयु है और पत्नी अनीता जी भी61…62 की होंगी। कई साल पहले नाना नानी बन चुके हैं। पर लगते 30..32 के हैं। आजकल मलेशिया में रहते हैं।
मैं सोच में था कि यह इतने सहज, स्वस्थ क्यों रहते हैं?ऐसा नहीं की इन पर आयु का असर नहीं,या शारीरिक कष्ट नहीं आता।अभी 8..10 महीने पहले ही दिगंबर जी ने गले का गंभीर ऑपरेशन कराया। उससे पहले अनिता बहन जी भी अस्वस्थ रह चुकी हैं।
जब 24..25 वर्ष पहले मैं फरीदाबाद का विभाग प्रचारक था तब ये दोनों पति-पत्नी सक्रिय थे।अति सकारात्मक, हर हाल में खुश रहने का अभ्यास तभी से है।
और खुश और सकारात्मक रहते हैं इसलिए स्वास्थ्य ठीक रहता है। स्वास्थ्य खराब होने पर भी खुश प्रसन्न रहते हैं, इसलिए फिर से ठीक हो जाते हैं।
मुझे लगता है कि जीवन में “सकारात्मक” और “हर हाल में खुश रहना” इसका अभ्यास ही आपको स्वस्थ, प्रसन्न रखता है।अन्यथा तो नकारात्मक सोच होते ही स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है, बुढ़ापा घेरने लगता है। फिर पैसा,संपन्नता भी काम नहीं आती।यही है जिंदगी जीने की सफ़ल राह… आजमा कर देखिए.. इन दोनों जैसे ही सुंदर स्वस्थ प्रसन्न न दिखने लगें तो कहना। क्यों सहमत हैं?~सतीश
यह भी सुनो… यदि आपको लेटते ही नींद आ जाए और बैठते ही पेट साफ हो जाए तो समझो आप सुखी इंसान हैं, बाकी सब तो मोह माया है