उभरते भारत से चर्चा :युवा जनसंख्या बोझ नहीं,ताकत है भारत की!!

परसों मै फरीदाबाद के जेसी बोस वाईएमसीए यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों से रोजगार व स्वदेशी पथ पर चर्चा करने के लिए वहां गया! बहुत ही उत्साह पूर्ण वातावरण था! युवाओं ने प्रश्न किया ” हमारी जनसंख्या बड़ी बढ़ रही है, इस समस्या का क्या इलाज है”
तो मैंने उन्हें कहा “दृष्टिकोण ठीक करना चाहिए,किसी भी मां-बाप के लिए उसकी संतान बोझ होते हैं क्या? तो भारत की युवा जनसंख्या भी भारत माता के लिए बोझ नहीं,बल्की ताकत है”
“इसी युवा शक्ति के कारण ही तो भारत इस समय पर दुनिया में सर्वाधिक 7.4 प्रतिशत की विकास दर से बढ़ रहा है!इसी युवा शक्ति के कारण ही तो हम IT सहित दुनिया के इनोवेशन के क्षेत्र में छा रहे हैं!इसी जनसंख्या के कारण ही तो भारत दुनिया की 17.3% की आबादी के साथ नेतृत्व की तैयारी कर रहा है!”
मैने कहना जारी रखा “हम और हमारे युवा ना केवल दुनिया में सर्वाधिक हैं, बल्कि सबसे उपयुक्त बुद्धि वाले, DNA वाले युवा हैं!अमेरिका में हम भारतीय 1% हैं किंतु वहां के डॉक्टर्स में हम 18% हैं! वहां के नासा में 22% साइंटिस्ट भारत के ही हैं!
एक विद्यार्थी ने पूछा “हमारे युवा बाहर क्यों जाते हैँ?
मैने बताया “अब यह समस्या काफी कम हो गयी है, कुछ मामलों में तो उल्टा भी हो गया है।Forbes 500 कंपनियों के GIC (global innovation center) भारत में शिफ्ट हो रहे हैं…
हमारा भविष्य उज्जवल है… हम दुनिया का नेतृत्व करने की तयारी कर रहे हैं…सतीश

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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