ये पढे-लिखे पति-पत्नि खेती से कमा रहे २ लाख ₹प्रति एकड…

कल मैं हिसार में था!वहां स्वदेशी का विचार वर्ग था! वहां मेरे ध्यान में आया हिसार के नजदीक गांव बालसमुंद के एक पति-पत्नि सुरेन्द्र व मोनिका का विषय जो बागवानी; medissonal खेती व नये तरीके अपना कर बहुत अच्छी कमाई कर रहे हैं!
सुरेन्द्र स्नातक(B.com)तो मोनिका स्नातकोतर(M.A.) किए हैं! पर दोनों ने तय किया कि नौकरी के चक्कर में न पढकर अपनी 45 एकड खेती को ही समृद्धि का आधार बनाया जाए!
दोनों बताते हैं “हमने सोचा कि नौकरी में के धरया है! दूसरी बात म्हारे ध्यान मै आयी,जेकर घणी कमाई करनी सै तो नये तरीके सोचणे चहियें!”
मोनिका ने कहा “हमने गेहूं,चावल के बजाए बागवानी करी, माल्टा,कीनू और मौसमी के पेड लगाए! जब पेड छोटे थे तो हमने चना,ग्वार और मूंग की फसल ले ली! मैने सारा स्टडी कर लिया था कि फैदा किसमें सै?”
सरेन्द्र ने बताया “मार्किट तो हमने उरे हिसार मै हि मिल गी! बाकि हमने कौण कौण सी सब्सिडी किस किस पै सरकार दे रही है! यो भी देख्या! ले भी रहे सै”
“एक बात और!हम 100से ज्यादा जवानां ने अपणे खेत अर काम मै काम दे रख्या सै!”
मै सोच में था कि आजकल हमारे ग्रामीण भाई-बहन अच्छे पढ लिख गये हैं ही,मोबाईल, नैट,गूगल सब जगह हैं! यदि सुरेन्द्र मोनिका की तरह खेती को नये व आधुनिक तरीके से करें तो किसानों को,गावों को समृद्ध होते देर न लगेगी!
हमारे पुराने कहते थे “उत्तम खेती,मध्यम व्यापार,निम्न चाकरी” यह आज भी हमारीसमृद्धि व रोजगार का आधार बन सकते हैं!
चित्र में…हिसार अभ्यास वर्ग में गीता भेंट! व भिवानी टीम के साथ कश्मीरी लाल जी! जागरण में छपा सुरेन्द्र व मोनिका का चित्र

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *