Search
Close this search box.

किसान की आय को दुगनी करने हेतू, चलाना होगा एक व्यापक जनजागृति अभियान!

कल #जम्मू में टीम स्वदेशी,जम्मू-कश्मीर,की बैठक ले रहा था! उसमें रोज़गार के विषय पर बोलते हुए मैंने बताया “हमारा 42-43%रोज़गार कृषि क्षेत्र से आता है!किन्तु किसान की आय बहूत कम है!इससे वह शहर की तरफ़ पलायन करने,नौकरी की खोज करने को मजबूर होता है!”
“हमें उसके लिए विभिन्न उपाय सोचने होंगे ताकि उसकी आय का स्तर यदि दो गुना हो जाए (सरकार भी कह रही है)तो #रोज़गार का एक बड़ा समाधान हो सकता है!”
बाद में,जब मैं कक्ष में लौटा,तो अपने विजय जौहर जो कृषि विभाग में ही ऑफ़िसर हैं,मेरे पास आए और कहने लगे “सतीश जी,किसान की आय दोगुनी करने के लिए ये सरकार भी बड़े काम कर रही है!”
मैंने पूछा “वो कैसे?”
तो विजयजी बोले “अभी चार महीने पहले केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह जी यहाँ आए!उन्होंने 500 किसानों का एक बड़ा कार्यक्रम किया!जिसमें कृषि वैज्ञानिक थे,सरकारी ऑफ़िसर थे,सरपंच थे,सामान्य किसान थे!और उन्हें इस विषय की प्रतिज्ञा कार्रवाई की 2022 तक किसान की आय को दोगुना करेंगे ही”
मैंने पूछा “तरीक़े क्या-क्या है?”
तो मैं सुनकर आश्चर्य में हो गया की जो हम रोज़गार अभियान में ले रहे हैं,उसी विषय पर वहाँ भी प्रयास हो रहा है!
“जैसे खेती की लागत कम करना,मिट्टी टेस्टिंग करना और बाद में मूल्य संवर्धन करके ही फ़सल को बेचना!ऐसे ही गेहूं,चावल की परंपरागत खेती नहीं बल्कि बाग़वानी,मेडिसिनल प्लांट्स,फूलों की खेती,मछली पालन,पशुपालन मुर्गीपालन!इनमें आय बहूत अधिक बढ़ती है!ज़मीन भी कम लगती है!”
“सफल किसानों के उदाहरण सबको बता प्रेरित करना!”
“ज़ीरो बजट नैचरल फ़ार्मिंग व डायरेक्ट मार्केटिंग,फ़ूड प्रोसेसिंग ये सभी तरीक़े ठीक तो हैं!” मैंने पूछा “पर ये सफल क्यों नहीं हो रहे हैं?”
उन्होंने कहा “#सरकार तो ठीक प्रयत्न कर रही है!किन्तु किसानों में जागरूकता ही नहीं है!”
ये सच है!वास्तव में किसान संगठनों को ही नहीं जो भी किसानों की आय को दोगुना करने में इच्छुक हैं उन सब लोगों को मिलकर एक महान जनजागरण अभियान चलाना होगा,तभी इस विषय में सफलता मिलेगी! हाँ,सफलता मिलेगी यह सुनिश्चित है!
किसान ख़ुशहाल होगा तो देश ख़ुशहाल होगा ही!
~सतीश- – ‘स्वदेशी-चिट्ठी’
(4 वर्ष पूर्व लिखी चिठ्ठी)
चित्र में:विजयी जी कृषि अधिकारी व प्रो: आशुतोष के साथ वार्ता!तथा टीम स्वदेशी,जम्मू कश्मीर!!

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

YOU MIGHT ALSO ENJOY

FOLLOW US

Facebook
Twitter
LinkedIn
LinkedIn
WhatsApp
Telegram