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शाबाश! आटोचालक की बेटी बनी जज!!

देहरादून के रहने वाले अशोक टोड़ी जो एक auto चलाते हैं!वह दिनभर में 4-5 सौ रुपया कमा पाते हैं!उनकी बेटी पूनम गत सप्ताह उत्तराखंड न्यायिक परीक्षा के परिणाम में प्रथम आयी है!उसने वहाँ के डीएवी कालेज से M कॉम व एलएलबी करने के बाद यह परीक्षा दी!उसने बताया “हम चार बहन भाई है,मुश्किल से घर का गुज़ारा चलता था!किन्तु मेरे माता-पिता ने सहयोग करके मुझे यहाँ तक बढ़ाया और मै अब जज बन गई”! यह दिखाता है की दृढ़ इच्छाशक्ति,मेहनत व परिवार के सहयोग से,कोई कैसे सफलता प्राप्त कर सकता है!
कल भोपाल में मध्य प्रदेश की बैठक के पश्चात,आज रायपुर मे स्वदेशी भवन में 30 कार्यकर्ताओं की अच्छी बैठक हुई!पर्यावरण,संयुक्त परिवार व ‘रोज़गार केंद्रित स्वदेशी विकास मॉडल’ इन विषयों की विस्तार से चर्चा हुई! जून में लगने वाले राष्ट्रीय विचार वर्ग की भी बातचीत हुई!
अपना संयुक्त स्वदेशी परिवार
रात को मेरा भोजन रायपुर के महानगर सहसंयोजक राजेश जी के घर पर था उन्होंने बताया “हम सात भाई है!सातों एक ही छत के नीचे रहते हैं ! छोटे बड़े कुल मिलाकर 30 सदस्य हैं!रसोई भी एक है और हम सब का संयुक्त रहना यह कितना उपयोगी है कि बड़े भाई मनोज और मैं तो समाज के कार्यों स्वदेशी व Party के कार्यों में ही लगे रहते हैं !ना केवल बच्चों की सुरक्षा बल्कि संस्कार व्यवस्था इससे बहुत उतम होती है! हम सब लोग निश्चिंत भाव से आर्थिक और सामाजिक रूप से भी इससे सशक्त हो रहे हैं!” यही है भारत की मज़बूती!!
हमारा संयुक्त परिवार ही है, हमारा दुनिया को संदेश!! जयहो! …..(स्वदेशी चिट्ठी)

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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