नौकरी छोड़कर शुरू किया था बिजनेस, आज हैं करोड़ों की कंपनी के मालिक

मुथेदाथ पंजन रामचंद्रन ने अपने बचपन से ही अपना खुद का बिजनेस करने का सपना देखा था। उन्होंने कड़ी मेहनत और विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने इस सपने को हकीकत में बदल दिया। रामचंद्रन ने कभी उधार के रुपयों से अपना कारोबार शुरू किया था, लेकिन आज वे करोड़ों की कंपनी के मालिक हैं। हालांकि उन्होंने कुछ समय तक नौकरी भी की, लेकिन उन्होंने उसे छोड़कर अपना खुद का बिजनेस शुरू किया और जल्द ही लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए

पढ़ाई के बाद अकाउंटेंट की नौकरी में की थी शुरुआत, फिर बन गए करोड़पति

केरल के रामचंद्रन ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल करने के बाद अकाउंटेंट की नौकरी की, लेकिन वे इस कार्य से संतुष्ट नहीं थे। उनके मन में अपना खुद का बिजनेस शुरू करने की ललक थी और इसके लिए वे प्लान भी कर रहे थे। उन्होंने अकाउंटेंट का काम छोड़कर अपने घर से ही बिजनेस की शुरुआत करने की सोची। रामचंद्रन ने अपनी किचन में ही कपड़े चमकाने के लिए यूज होने वाला लिक्विड बनाने का प्रयास किया, लेकिन शुरुआत में सफलता नहीं मिली। बाद में उन्होंने जानकारी लेकर और अध्ययन और रिसर्च करने से इसमें सफलता हासिल की।

मैग्‍जीन की एक लाइन ने रामचंद्रन को बना दिया करोड़पति

रामचंद्रन की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्होंने एक केमिकल इंडस्ट्री की मैगज़ीन में पढ़ा कि कपड़ों को सफेद और चमकदार बनाने के लिए बैंगनी रंग का उपयोग किया जाता है। इस एक लाइन ने रामचंद्रन की जिंदगी को बदल दिया। इसके बाद, उन्होंने कपड़े धोने के घोल को तैयार करने के लिए रिसर्च वर्क में जुट गए। उन्होंने एक साल तक बैंगनी रंग के पदार्थों के साथ प्रयोग किया और आखिरकार उन्हें सफलता मिली। उन्होंने उजाला सुप्रीम फैब्रिक वाइटनर बनाने का फैसला किया, जो बाजार में आते ही बहुत लोकप्रिय हो गया। इस उत्पाद को ‘चार बूंदों वाला उजाला’ के नाम से जाना जाने लगा।


5000 रुपये के उधार से शुरू किया था बिजनेस, आज हैं सफलता की नई ऊंचाइयों पर

रामचंद्रन के पास कंपनी स्थापित करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने भाई से 1983 में 5000 रुपये उधार लिए और अपना कारोबार शुरू किया। उन्होंने त्रिशूर में अपने घर में ही एक छोटा सा कारखाना स्थापित किया और अपनी बेटी ज्योति के नाम पर फैक्ट्री का नाम ज्योति लैब्स रखा। रामचंद्रन का कारोबार शुरुआत में ठीक-ठाक चला, लेकिन उनकी सबसे बड़ी सफलता उजाला सुप्रीम लिक्विड फैब्रिक वाइटनर लॉन्च करने पर मिली। यह उत्पाद लोगों को बहुत पसंद आया और इसके साथ ही रामचंद्रन की किस्मत बदल गई।

रातों-रात छा गया उजाला सुप्रीम लिक्विड फैब्रिक वाइटनर, जानें इसकी कहानी

ज्योति लैब्स के प्रोडक्ट उजाला लिक्विड को शुरुआत में साउथ इंडिया में लॉन्च किया गया था, जहां इसे बहुत पसंद किया गया। लोगों ने इसे हाथों-हाथ खरीदना शुरू कर दिया और यह प्रोडक्ट रातों-रात प्रसिद्ध हो गया। धीरे-धीरे, 1997 तक यह पूरे देश में पसंद किया जाने लगा। आज, ज्योति लैब्स के लिक्विड प्रोडक्ट्स लगभग हर घर में मिल जाएंगे। मार्केट में इसका अब बड़ा नाम है। रामचंद्रन की कड़ी मेहनत के दम पर ज्योति लैब्स ने शिखर पर पहुंच गई है, जिसका मार्केट कैप आज लगभग 17,000 करोड़ रुपये है।

ज्योति लैब्स का विस्तार: कंपनी तैयार कर रही है कई नए प्रोडक्ट्स

केरल के त्रिशूर के रहने वाले ज्योति लैब्स के संस्थापक रामचंद्रन अब कंपनी के मानद चेयरमैन हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के बाद, ज्योति लैब्स भारत का एक प्रमुख ब्रांड बन गया है। कंपनी ने कई उत्कृष्ट उत्पादों का निर्माण किया है, जिनमें से उजाला सुप्रीम फैब्रिक वाइटनर और एक्सो डिश वॉश बार सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले उत्पाद हैं। ये उत्पाद लगभग हर घर में उपयोग किए जाते हैं

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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