पांचवा दिवस अखिल भारतीय प्रवास

पांचवा दिवस अखिल भारतीय प्रवास
मा. सतीश कुमार जी, स्वदेशी जागरण मंच

प्रथम बैठक
प्रांत बैठक
प्रवास के पांचवें दिन दक्षिण तमिलनाडु के कोयंबतूर में प्रांत बैठक आयोजित की गई जिसमें लगभग 35 कार्यकर्ता 6 जिलों से उपस्थित थे।
बैठक में दक्षिण तमिलनाडु के प्रांत प्रचारक भी पूरे समय रहे और उन्होंने भी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया।
माननीय सतीश कुमार जी ने दक्षिण तमिलनाडु के कार्यकर्ताओं के सामने पांच बिंदु स्वदेशी के, जिनका घर में प्रतिदिन प्रयोग व व्यवहार करना है, पर चर्चा की, डिजिटल हस्ताक्षर अभियान के लक्ष्य को तय करवाए अथवा आने वाले माह में चलने वाले अभियान जैसे निधि संग्रह, प्रांतीय जिला व विचार वर्ग, उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन आदि विषय में भी गहन चर्चा की।
कार्यकर्ताओं से स्वदेशी शोध संस्थान का उपक्रम कोयंबटूर में भी खोलने को कहा।
अंत में कुछ कार्यकर्ताओं को जिला दायित्व भी दिए गए।

डिजिटल हस्ताक्षर अभियान को दक्षिण तमिलनाडु में कैसे सक्सेसफुल बनाया जाए इस विषय पर प्राण प्रचारक जी से बात की गई और उन्होंने विश्वास दिलाया कि हम इसमें सहयोग अवश्य करेंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस
दक्षिण तमिलनाडु के प्रमुख अखबारों व मीडिया ने भाग लिया इसमें माननीय सतीश जी ने स्वदेशी का महत्व, स्वदेशी मेले और स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत डिजिटल हस्ताक्षर अभियान, एंटरप्रेन्योरशिप कमिशन, tfr, भारत@2047, जैसे मुद्दों पर तमिलनाडु के पक्ष और उसके विकास के लिए जरूरी कदमों पर बात की।

भारत@2047 विषय पर गोष्टी
भारत को 2047 तक समृद्ध और महान बनाने को लेकर इस गोष्ठी में लगभग दक्षिण तमिलनाडु के 40 उद्योगपतियों ने भाग लिया तथा कुछ ऐसे स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योर ने भी हिस्सा लिया जो अभी और अधिक विकास की अपेक्षा रखते हैं। इस गोष्ठी में बैंक मैनेजर भी उपस्थित रहे जिन्होंने अन्य योजनाओं के माध्यम से बैंकों द्वारा स्टार्टअप को सहयोग देने के विषय में जानकारी दी। वही उद्योगपतियों ने अपने-अपने अनुभव भी सुनाएं जिसके बाद माननीय सतीश कुमार जी ने हर घर युवा उद्यमी का नारा देते हुए जैविक उद्यमिता की बात की जिसे वहां पर उपस्थित सभी ने खुले मन से स्वीकारा।

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *