युवा शक्ति ही बनाएगी भारत@2047, समृद्ध और महान!

युवा शक्ति ही बनाएगी भारत@2047, समृद्ध और महान!
आज त्रिवेंद्रम से अखिल भारतीय प्रवास प्रारंभ हुआ है,स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस से। इसे भारत सरकार ने युवा दिवस भी घोषित किया है।
आज जब प्रांत बैठक त्रिवेंद्रम के कार्यालय में प्रारंभ हुई तो मैंने पूछा “कितने लोगों ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पड़ी हुई है?”
आधों ने हाथ खड़े किए।
फिर मैंने उन्हें बताया की “स्वामी विवेकानंद कोई एक सामान्य संत, साधु नहीं है। वह पिछली शताब्दी के सर्वाधिक सार्थक, सफल व सर्वोच्च प्रेरणादाई व्यक्तित्व हुए हैं।”
मैंने आगे कहा “स्वामी विवेकानंद को 1893 के शिकागो भाषण से पहले कोई नहीं जानता था। और 1902 में स्वामी जी का शरीर शांत हो गया। कुल 39 वर्ष के जीवन में भी वास्तव में तो 9 वर्ष ही उनका सार्वजनिक जीवन है।”
“क्या विश्व में कोई ऐसा अन्य व्यक्तित्व हुआ है की जिसने केवल 9 वर्ष का सार्वजनिक जीवन जिया, किंतु प्रभाव इतना की कोलकाता के भिखारी से लेकर अमेरिका के सबसे बड़े उद्योगपति रॉक फेलर तक को प्रभावित किया हो?”
“और तभी किया ऐसा नहीं, आज भी संपूर्ण देश और विश्व में करोड़ों युवा उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं।”
स्वामी जी को भारत की युवा शक्ति पर बहुत विश्वास था और यह होना भी चाहिए। इस समय जब भारत 37 करोड़ युवाओ (15 से 29 वर्ष) के साथ विश्व का सबसे बड़ा युवाओं का देश है,तो वे ही भारत को विश्व का सबसे समृद्ध और महान देश बनाने का चुनौती पूर्ण कार्य कर सकते हैं।
मैंने थोड़े दिन पहले प्रो: अश्विनी महाजन जी से पूछा की पश्चिमी अर्थशास्त्री विकास के आवश्यक कारक किसको मानते हैं तो उन्होंने कहा “लैंड, लेबर और कैपिटल को” मैंने कहा की स्वदेशी चिंतन के अनुसार आज तो उद्यमिता जिसके दिल दिमाग में हिलोरें ले रही है ऐसा युवा उद्यमी अकेला ही पर्याप्त है।” टेक्नोलॉजी एक और कारक हो सकता है।
इस समय भी वही युवा भारत को चार ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बना ले आए हैं, 2047 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी भी वहीं बनाएंगे।इन पर विश्वास करिए, प्रोत्साहन दीजिए। देखिए भारत कैसे बढ़ता है? यही स्वामी जी का संदेश है और हमारा विश्वास भी~सतीश (आज युवा दिवस पर विशेष)
नीचे: त्रिवेंद्रम में कार्यकर्ताओं की बैठक लेते हुए।

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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