चिंतन बैठक – तेनकाशी, तमिलनाडु 21.. 22 दिसंबर 2024

21-22 दिसम्बर को स्वदेशी जागरण मंच की दो दिवसीय चिंतन बैठक तेनकासी , तमिलनाडु में संपन्न हुई। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों सहित 31 कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
बैठक का स्थान तेनकासी से 26 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव, गोविंद पुरी में था। चारों ओर ऊंचे पर्वतों, नदियों और हरे-भरे खेतों से घिरा यह स्थान मानो यहाँ आने वालों को स्वदेशी और स्वावलंबन का संकल्प लेने के लिए प्रेरित कर रहा था।

ग्रामीण धरती पर इस प्रकल्प की रचना करने वाले Zoho corporation के संस्थापक और स्वावलंबी भारत अभियान के संरक्षक, पद्मश्री श्रीधर वेम्बू इस बैठक में मेजबान की भूमिका में थे। यहाँ वे जिला आधारित अर्थव्यवस्था पर अनेक सफल प्रयोग कर रहे हैं, जो अनुकरणीय हैं। बैठक में आये प्रतिनिधियों को इन सफल प्रकल्पों को देखने का अवसर भी प्राप्त हुआ।

दो दिवसीय बैठक 8 सत्रों में पूर्ण हुई, जिसमें सर्वप्रथम सभी कार्यकर्ता एक दूसरे के व्यक्तिगत जीवन, अनुभव एवं दायित्व से परिचित हुए।
श्रीधर वेम्बू जी बैठक के दो सत्रों में उपस्थित रहे, उन्होंने ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था व उद्यमिता’ विषय पर कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया।

सब विषयों पर खुली चर्चा हुई। देश के सभी 780 जिलों में स्वदेशी की इकाइयां बनाने और पूर्णकालिक कार्यकर्ता की नियुक्ति के सम्बन्ध में चर्चा हुई। स्वदेशी मेले , स्वर्णिम भारत वर्ष फाउंडेशन व स्वावलंबी भारत अभियान के विषयों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
संघ शताब्दी वर्ष में कैसे और किन विषयों पर आगे बढ़ना, पर मुक्त चर्चा हुई।
सारी टीम का आपसी विश्वास,प्रेम और सिनर्जी का स्तर काफी बढ़ गया। नए विचार, उत्साह, उर्जा व स्वदेशी अभियान को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ सब अपने गन्तव्यों पर वापस लौटे।

जिन 10 बिंदुओं की चर्चा कर सहमति बनी वे आगे दिए जा रहे हैं:

स्वदेशी विषय बिन्दु

1) एम०एस०एम०ई०(MSME) एवं रिटेल सैक्टर
छोटे-बड़े दुकानदारों ,कारीगरों ,लघु उत्पादकों, किसानों की आय बढ़ाने, MSME (विशेष कर उत्पादन क्षेत्र ) को उभारने हेतू व्यापक प्रयत्न करने होंगे। हैण्डीक्राफ्ट, किराना ,FMCG, फल- सब्जी उत्पाद और क्रय-विक्रय आदि में, भारत में कोई भी, 100 करोड़ से ऊपर की निवेश वाली कंपनी, न बना सकती है, और न बेच सकती है, न ही प्लेटफार्म दे सकती है। इनके आयातों पर भी 50% तक, आयात शुल्क लगे। केवल 100% निर्यात करने वालों को इस सीमा में छूट रहे। यह क्षेत्र विदेशी निवेश हेतु न रहें।

2) रोजगार एवं उद्यमिता

√ हर +1,+2 के विद्यालय, महाविद्यालय, आई.टी.आई, तकनीकी संस्थानों आदि में एक उद्यमिता केंद्र अनिवार्य हो।100 विद्यार्थियों पर एक उद्यमिता शिक्षक अनिवार्य हो।

√ केन्द्रीय एवं प्रदेश स्तर पर उद्यमिता आयोग का गठन हो एवं उसकी इकाईयां हर जिले में हों।

√ केन्द्र एवं प्रदेशों में ग्रुप C व D स्तर की नियुक्तियां मेरिट के आधार पर ही हों एवं इनमें साक्षात्कार की अनिवार्यता समाप्त हो।

3) ग्रामीण अर्थव्यवस्था
हर कृषि विज्ञान केंद्र में ही एक सहकारिता सहयोग केंद्र खोला जाए, जिसमें कृषि में मूल्य सम्वर्द्धन सहित स्थानीय स्तर पर छोटे -छोटे FPO बनाने का प्रशिक्षण भी रहे। Agri-start-ups हेतू भी इसी केंद्र में प्रावधान हों।

4) जनसंख्या लाभांश
3 बच्चे प्रति परिवार व विवाह आयु (22-28) वर्ष करने की प्रोत्साहन योजना बनाई जाए, सरकार परिवार नियोजन योजना तुरंत बंद करे। सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक संगठन भी इस दिशा में काम करें।इस हेतु कोई तन्त्र भी विकसित हो।

5) सांस्कृतिक प्रदूषण
YouTube, Netflix और अन्य OTT प्लेटफॉर्मस के लिए एक नियामक तंत्र बनाना अनिवार्य है। डिजिटल प्लेटफॉर्म, बाल-नव युवा को दूषित व मनोरोगी न बना पाये इसकी लिए भी व्यवस्था की जाये।

6) असंगठित क्षेत्र का संरक्षण
ola-uber, jomato,swiggy जैसे प्लेटफॉर्म अपने Drivers का एवं अन्य कम्पनियां gigworkers शोषण न कर पाएं इस हेतु ट्रिब्यूनल का गठन हो।

7) चाइनीज आयात
जैसे रिजर्व बैंक का एक मेंडेट महंगाई पर अंकुश रखना है। आयात विशेषकर चाईनीज आयात और व्यापार घाटे पर भी एक अनिवार्य अंकुश तंत्र बने।

8) ब्रेन गेन ( Brain Gain)
NRI’s (प्रवासी भारतीयों ) के बुद्धि कौशल और पैसा भारत में लाने के लिए भी कोई योजना बनें साथ ही इनके लिए भी PLI जैसी स्कीम बने।

9) कृत्रिम बुद्धिमत्ता(artificial intelligence)
AI एवं रोबोटिक का कितना प्रयोग किन-किन क्षेत्रों में कितना करना इस पर अध्ययन दल बने। अंतराष्ट्रीय निगरानी तंत्र बनाने हेतू भी पहल हो।

10) विक्रेन्द्रीयकरण(प्रभावशाली जिला तन्त्र)
जिला उद्योग केन्द्र ( DIC) और KVK को कम्पनी एक्ट में लाया जाए। Highly Professional,CEO व बोर्ड के साथ स्वायत्तता दी जाये। आवश्यकता लगने पर इसमें निजी क्षेत्र की भी सहभागिता हो सकती है।
उपरोक्त विषयों पर व्यापक नवीन जनजागरण अभियान चलाया जा सकता है।

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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